लाडल बाई सीध चाल्या ।
आयो सगाँ केरो सुवटो, सासुसा रो लाडलो,
लेगो टोली मां सू टाल, गायड बाई सिध चाल्या ।
लाडल बाई सिध चाल्या ।
पाली पोसी कोड सू राखी बरस बाईस
आज विदाई देवतां ऊठे कलजीये कसीस
राजल बाई सिध चाल्या ।
याद घनी था की आवसी,हिवड़े मे उठे टीस
सदा सुहागण थे रहो,'आ' हि है आसीस
लाडल बाई सीध चाल्या ।
बैना ने छोड़ी बिलखती, मायड को बे हाल
सगला हि आँसू ढालिया थां के जाता हि ससुराल
कोयल बाई सिध चाल्या ।
दो घर जाणो डीकरी पिहर आ ससुराल ,
पहला घर न भुल जाये अ विधना का हाल।
लाडल बाई सिध चाल्या ।
देयोर जिठाण्याँ सासरे सा नणद के साथ
उभी अडिकै पोल मं ले सुवरण थाल हाथ ।
कोयल बाई सिध चाल्या ।
झूंठा हेवा झूंठा नावां ऊँची ऊँची खाँप
जनम पुरबला मित तो मिल जाय आपूँ आप।
लाडल बाई सिध चाल्या ।
सासरियो सुरंगो भलो लागसी मौजा मानो दिन रात
आणे दूजे बण पावणी आण्यो टाबरियां के साथ
गायड बाई सिध चाल्या ।
क्रमश:.........
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जवाब देंहटाएंHey keep posting such good and meaningful articles.
जवाब देंहटाएंVery sad feeling song
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